BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

बुधवार, 4 सितंबर 2013

तमस हटा



कुम्हार गढ़े
अनगढ़ माटी से
सुघड़ घड़े

गुरु ईश्वर 
मिले चरणरज 
मुक्ति सहज
गुरु सुनार
 तपा  गला के गढ़े
कुंदन हार

तमस हटा
आलोकित हो पथ
ज्ञान दीप से

ज्ञान सरिता
बहती चतुर्दिक
कहाँ खोजता …?/लगाओ गोता

निर्मल पन्नेउज्ज्वल गुणगाथालिखे लेखनी ।

धूप न बाती 
हरे मन का तम
मणि ज्ञान की 

चोरी हो गया
अमूल्य ज्ञान धन
सुना है कभी --??

ज्ञानदीपक
लड़े  अंधेरो संग
 छुपे हैं नीचे 

गिर रहा है
नैतिक मूल्य  संग
शिक्षा का ग्राफ

अधर्म गुरु
विद्यार्थी धृतराष्ट्र
महा  भारत

गीता कुरान
चारित्रिक निर्माण
हुयी कुर्बान /बुझी लोबान

बदल रही
परिभाषा-- या फिर-
मानसिकता  …। ?!

शिक्षा संस्थान
चरित्र निर्माण की
बंद दुकान

पढ़ाता रहा
सत ,धर्म का पाठ
लूटता रहा


अंतरजाल /(इंटरनेट )
बनी शिक्षा की रीढ़
बुद्धि कंगाल


गूगल बांटे
अमुल्य ज्ञान निधि
बटोरे जग

पलटो देखो
हर सिक्के के होते
दो दो पहलु

बड़ी मायावी
गूगल की गलियाँ
ठगा विवेक

सड़ने लगे
अधपके फल भी
फैली  दुर्गंध

आंख का अँधा
नाम नयनसुख
काली का धन्धा

8 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. @निहार रंजन जी --स्वागत है आपका ..:) प्रतिक्रिया दे कर प्रोत्साहित करने के लिए तहेदिल से सुक्रगुजर हूँ आपकी .. :) जय श्री कृष्ण

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. @विभा दी ... आपकी स्नेहपूर्ण प्रतिक्रिया पढ़ कर मन शीतल हो गया :) आपको पसंद आया लेखन सार्थक हुआ ..तहेदिल से शुक्रिया

      हटाएं
  3. बत्ती न धूप
    हरे मन का तम
    ज्ञान का दीप

    bahut sunder ....!!

    जवाब देंहटाएं