BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

रविवार, 29 सितंबर 2013

बचपन की यादें







ढूंढती नानी
खो गयी जाने कहाँ ..
एक कहानी 

लदे है दिन
राजा रानी के संग
नानी दादी के

तितलियों सी 
बचपन की यादें 
हाथ न आती 

आज भी खेले 
बचपन की यादें 
गली मोहल्ले




गुड़िया रानी 
जली मोमबतियां 
बची कहानी 

बरखा रानी 
कागज़ की है नैया 
भिगोना नहीं 

यादो की कश्ती
हिय सिन्धु तैरती 
मंथर गति 







18 टिप्‍पणियां:

  1. पहले कमेंट में गलती हो गयी थी...इसलिए दूसरा कमेंट कर रहा हूँ।
    --
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (30-09-2013) गुज़ारिश खाटू श्याम से :चर्चामंच 1399 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. Beet gaye din bachapan ke ..pariyo kikahani jo sunati thi nani ..jangalki duniya jo ghumati thi dadi ... kho gaye wo bhi ... aagaya ab buddhu box .bhule bachche khel khilone . Sundar prastuti badhayi

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी लिखी रचना की ये चन्द पंक्तियाँ.........

    ढूंढती नानी
    खो गयी जाने कहाँ ..
    एक कहानी

    बुधवार 02/10/2013 को
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!


    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. यशोदा जी .. हार्दिक आभार रचना को पसंद करने के लिए और उसे अपने ब्लॉग में स्थान देने के लिए :)

      हटाएं
  4. आदरणीया सादर अभिवादन,
    बहुत ही सुंदर हायकू |सुंदर लेखन |

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. अजय जी ..ब्लॉग में स्वागत है आपका .. उत्साह बढाने हेतु हार्दिक आभार
      :)

      हटाएं
  5. बहुत सुन्दर हाइकू और चित्र एडिटिंग सब लाजवाब

    जवाब देंहटाएं
  6. यादों का झोंका .......सुन्दर हायकू ....

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. स्वागत एवं रचना को लिखे करके उत्साह बढ़ने हेतु हार्दिक आभार :)

      हटाएं
  7. उत्तर
    1. स्वागत ..रचना पर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए हार्दिक आभार :)

      हटाएं