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शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

सूरजमुखी रिश्ते

कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ में इतने डूब जाते हैं कि दूसरों को धकेल कर या नीचे गिराकर खुद आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं।दूसरे लोग उनके लिए केवल सीढ़ियाँ होते हैं ऊपर चढ़ने की । उपरोक्त विषय पर आधारित सेदोका एवं तांका जो त्रिवेणी  में प्रकाशित हुये |




तांका
१)



मीठा बोलती 

कोकिल मन मोहे 
मन की काली 
कर्कश काक भला 
मन ममता भरा 



सेदोका 


१)

सजते नहीं 

सूरजमुखी रिश्ते 
जीवन गुलदस्ते 
सुबह खिले 
मुरझा जाते है ये 
सूरज जब ढले 

२)

तपस्यारत 
बगुला नदी तट 
निज उदर हेतु 
भोली मछली 
पहचान न पाती 
खल का ग्रास बनी 



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