BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014

प्रेमदिवस




परदेशिया 

मेघा लाये संदेशा 

भीगा भीगा  सा 

मन न माने
तके  राह अधीर
आयेंगे  मीत

ईट कि नहीं 

दीवारे हो प्रीत की

घर है वही 



आएंगे  कंत

कूकती कोयलिया

छाया वसंत 



ख्यालो में तुम 
दिल में भी तुम हो 
ज़िंदा अभी भी 

खटखटाते 
तेरे मन का द्वार 
बेबस हाथ

नैन बावरे
चुपचाप सँवारे
प्रीत की क्यारी
प्रेमदिवस 
ख़ुशी  एक दिन की 
खेद बरस 




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