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सोमवार, 18 अगस्त 2014

श्री कृष्ण अवतार


श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई  

अधर्म नाश 
श्री कृष्ण अवतार 
दिव्य प्रकाश 

चाह वात्सल
त्रैलोक्य स्वामी कान्हा
बंधे ओखल

भरा है घड़ा
कलि कंसो के पाप
फोड़ो कन्हैया

बंशी बैरन
कृष्ण अधर सजी 
राधिका जली 

राधे गोविन्द
दो तन एक प्राण
अमर प्रेम

कान्हा अधीर
पनघट है सूना
एक सी पीड़

मन कालिंदी
कालिया माया तृष्णा
काढ़ते फन

मन मोहन
बाँसुरी बना मुझे
छेड़ दूँ तान

घने अँधेरे
ज्योतिपुञ्ज हो तुम
मेरे साँवरे

मुख में तेरे
त्रैलोक्य समाहित
तू मन मेरे 

बसे है मन
चितचोर नयन
ले गये चैन

राधा न मीरा 
समर्पित गोपिका 
कृष्ण शरण

शाश्वत प्रेम 
राधे गोविन्द छवि 
शेष है काम

राधा लजाई 
डगर पनघट 
कृष्ण कन्हाई

नाग नथैया 
मन कालिंदी पैठो 
हत कालिया

तुम हो साथ 
मिटे मन विकार 
बढ़ाना हाथ

मेरे मोहन 
चिर काल विराजो 
मन मंदिर

मनमोहन 
आन बसो मन में 
धन्य जीवन

सहस्त्र नाम 
विराट रूप प्रभू 
दया के धाम

नाम हजार 
विविध रूप ,कर्म 
रिपु संहार

नाच्यो बहुत 
धर हाथ मुरारी 
अनंत सुख 






गुरुवार, 14 अगस्त 2014

पुकारे जो तिरंगा


जो है जैसा है
भारत महान है
मुझे प्यार है

रग रग में
जयहिंद  का नारा
घर घर में

गर्वित मन
लहराया तिरंगा
करें नमन

दुश्मन अड़ा
दिवाने चल अब
थाम तिरंगा

मन से गाँधी
पुकारे जो तिरंगा
बनते आँधी

सने माटी से
हीरक मुक्ति रत्न
माँ के अंक में


शनिवार, 9 अगस्त 2014

चिरायु रहे भैया


मांगे न धन 
चिरायु रहे भैया 
चाहे बहन

सूनी कलाई 
कच्चे धागे से बंधे 
बंधन पक्के

राखी महंगी 
बहना परेशान 
घर में तंगी

सूनी कलाई 
सीमा पर डटा है 
रक्षक  भाई

भाई बहन
कच्चे धागे से बंधे
अटूट बंध

बरसो बाद 
मिले भाई बहन 
झड़ी सावन



 
ओ चंदा मामा 
भीगे माँ के नयन 
राखी बंधा जा

माथे तिलक 
हाथ रेशम डोर 
वीरा विभोर

आया न भैया 
भिजवा उपहार 
फर्ज़ निभाया    

 चाँद सा भैया 
सूरज सा चमके 
बहना आस 

सजाये थाल
जोहते रहे बाट
नैन व्याकुल